दुख से धीरे-धीरे उबरने लगी थी और अब अपने पोते के साथ अपने कमरे में सोने लगी। दुख से धीरे-धीरे उबरने लगी थी और अब अपने पोते के साथ अपने कमरे में सोने लगी।
सुनीता जी ठीक 5:00 बजे उठ जाती थी सुनीता जी ठीक 5:00 बजे उठ जाती थी
बहन जी बहुत अच्छी शिक्षा दी है आपने अपनी बेटी को. बहन जी बहुत अच्छी शिक्षा दी है आपने अपनी बेटी को.
बच्चों का दिल खुश करने का, और प्रेम की बरखा तो मां- बच्चों के बीच हरदम ही है।। बच्चों का दिल खुश करने का, और प्रेम की बरखा तो मां- बच्चों के बीच हरदम ही है।।
मैंने पलकों के बांध तोड़ आये आँसुओं को पोंछते हुए अपनी सासू मां को बाहों में भर लिया। मैंने पलकों के बांध तोड़ आये आँसुओं को पोंछते हुए अपनी सासू मां को बाहों में भर ल...
सब मुझे कोस रहे थे और मेरी जन्मदायिनी को गाली दे रहे थे । सब मुझे कोस रहे थे और मेरी जन्मदायिनी को गाली दे रहे थे ।